Hindi (Vishleshan) विशेषण
विशेषण : - संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द, विशेषण कहलाते है।
उदारणार्थ-
राम अच्छा लड़का है।
काला कुतें तेज दौड़ता है।
एक लिटर दूध दे दो।
चार लड़के आये थे।
यह घर रीना का है।
उपर्युक्त वाक्यों में, अच्छा, काला, एक लिटर, चार,यह शब्द क्रमशः राम, कुत्तें, दूध, लड़के, तथा घर की विशेष्ता बता रहे है।
विशेष्य : - जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाती है, उन्हें विशेष्य कहते है। उपर्युक्त वाक्यों में राम, कुतें, दूध, लड़के घर की विशेषय है।
विशेषण के रुप - विशेषण के दो रूप होते है।
(क) उददेश्य विशषण
(ख) विधेय विशेषण
(क) उददेश्य विशेषण : - जहाँ विशेषण कर्ता या संज्ञा से पहले प्रयुक्त हो वहाँ उददेश्य विशेषण होता हैं।
जैसे - काला कुता, लाल टमाटर
(ख) विधेय विशेषण : - जहाँ विशेषण कर्ता या संज्ञा के बाद में प्रयुक्त हो वहाँ विधेय विशेषण होता है।
जैसे - कुता काला है।
राम अच्छा है।
Note : - जहाँ विशेषण संज्ञा के आगे ओर पीछे दोनो जगह लगे हो वहाँ उददेश्य विशेषण ही होता है। जैसे
प्रविशेषण-विशेषण शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्द प्रविशेषण कहलाते है।
उदाहरणर्थ -
राम बहुत अच्छा लड़का है।
आप बड़े भोले है।
घर बहुत सुन्दर है।
लगभग दस आदमी थे।
विशेषण के भेद : - संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषण बताने वाले शब्द चार प्रकार के होते है, अर्थात् विशेषण के चार भेद होते हैं। -
(1) गुण वाचक विशेषण
(2) परिमाण वाचक विशेषण
(3) संख्यावाचक विशेषण
(4) सार्वनामिक विशेषण (संकेत वाचक विशेषण)
(1) गुण वाचक विशेषण : - जो विशेषण शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण के गुण, दोष, आकार, व्यावहार, स्थति, दशा, आदि का बोध करायें वे शब्द गुण वाचक विशेषण कहलाते है। जैसे अच्छा, बुरा, हरा, नीला, क्षणिक, मासिक, गर्म, ठण्ड़ा, कोमल, कठोर, युवा, वृद्ध, मोटा, बौना, चौकोर आदि।
(2) परिमाण वाचक विशेषण : - जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की माप-तोल या मात्रा संबंधी ज्ञान हो अन्हें परिणाम वाचक विशेषण कहते है।
उदारणार्थ -
दो किलो चीनी लाओ।
मुझें तीन मि. कपड़ा खरिदना है।
परिमाण वाचक विशेषण के दो भेद है-
(1) निश्चित परिमाण वाचक
(2) अनिश्चित परिमाण वाचक
(1) निश्चित परिमाण वाचक : - जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम का निश्चित बोध कराये उन्हें निश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते है। जैसे - दो लीटर दूध , दो किलो चीनी, तीन मि. कपड़ा, 10 ग्राम सोना आदि।
(2) अनिश्चित परिमाण वाचक : - जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का नहीं अपितु अनिश्चित परिमाण का बोध कराते है, उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते है। - थोड़ा दुध, कुछ आलू, बहुत चीनी , कम सोना आदि।
(3) संख्यावाचक विशेषण : - जिन विशेषण शब्दों से व्यक्ति या वस्तु की संख्या का बोध हो वे संख्यावाची विशेषण कहलाते है ।
जैसे-
चार लड़के घर आयें थे।
टेबल पर कुछ चम्मच रखी है।
संख्या वाचक विशेषण दो प्रकार के होते है-
(1) निश्चित संख्यावाची
(2) अनिश्चित संख्यावाची
(1) निश्चित संख्यावाची : - इनसे निश्चित संख्या का बोध होता है। जैसे -चार लड़के, पाँच सेव, दस विघार्थी, दो छात्रा आदि
(2) अनिश्चित संख्यावाची : - इनसे निश्चित संख्या का बोध नहीं होता है। जैसे- कुछ लड़के, कम छात्राएँ, थोड़े से सेब आदि
(4) सार्वनामिक विशेषण (संकेत वाचक विशेषण) : - सर्वनाम शब्द जब विशेषण का कार्य करते है। तो उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते है। इन्हें संकेत वाचक विशेषण भी कहते है। क्योंकि ये किसी व्यक्ति या वस्तु की तरफ संकेत करते है।
सार्वनामिक विशषण के भेद -
(1) निश्चय वाचक : - ये चिशेषण संज्ञा या सर्वनाम की ओर निश्चित संकेत करते है।
जैसे-
यह पुस्तक मेरी है।
वह कलम उठा लाओं।
(2) अनिश्चय वाचक : - ये विशेषण शब्द में संज्ञा या सर्वनाम की अनिश्चितता की ओर संकेत करते है। जैसे- कोई व्यक्ति आया हैै।
(3) प्रश्न वाचक : - ये विशेषण संज्ञा या सर्वनाम सें सम्बन्धित प्रश्नों का बोध कराते है। जैसे- वे सब कब आएँगे बाहर कौन आदमी खड़ा हैै।
(4) सम्बन्ध वाचक सार्वनामिक विशेषण : - ये विशेषण एक संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य संज्ञा या सर्वनामों के साथ जोड़ा जाता है।
जैसे-
करोंगे वैसा भरोगे
जो सोता है वो खोता है।
Note : - यदि सर्वनामों का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम से पूर्व हो तो वे सार्वनामिक विशेषण कहते है एवं यदि संज्ञा के स्थान पर (अकेले सर्वनाम) इसका प्रयोग हो तो सर्वनाम कहलाते है।
हिन्दी में प्रचलित कुछ विशेषण
शब्द विशेषण
अर्थ आर्थिक
अधर्म अधर्मी
अंक अंकित
अनुकरण अनुकरणीय
अनुवाद अनूदित
अवलंब अवलंबित
उदर उदरस्थ
ऊमरी ऊमरी
कर्म कर्मठ
करूणा कारूणिक
काम कामुक
कुल कुलीन
काँटा कँटीला
ग्राम ग्रामीण
चाचा चचेरा
चित्र चित्रित
चिकित्सा चिकित्सक
जीव जैविक
ज्योति ज्योतिर्भय
तप तपस्वी
दया दयालु
दान दानी/दाता
देखना दिखावटी
देह दैहिक
धर्म धार्मिक