Hindi (Sarvanam) सर्वनाम
सर्वनाम : - संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों सर्वनाम कहते हैं। ये वाक्य में संज्ञा शब्द की पुनरार्वति से बचाते है। जैसे - राम अवध के राजा थे। राम दशरथ के पुत्र थे। राम मर्यादा पुरूषोतम थे। वाक्यों में राम शब्द की बार-बार आवृति सुनने और बोलने में अटपटा लगता है। यदि इन वाक्यों को हम इस प्रकार कहें- राम अवध रे राजा थे। वह दशरथ के पुत्र थे यह मर्यादा पुरूषोत्तम थे। यहाँ ‘वह ’शब्द राम के स्थान पर प्रयुक्त किया गया है। इसकें प्रयोग से वाक्य सुन्दर बन गया है।
सर्वनाम के छः भेद है-
(1) पुरूषवाचक सर्वनाम
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(4) संबंधवाचक सर्वनाम
(5) प्रश्न वाचक सर्वनाम
(6) निजवाचक सर्वनाम
(1) पुरूषवाचक सर्वनाम : - बोलने वाले, सुनने वाले और जो वहाँ उपस्थित नहीं है, के लिए जिन सर्वनामों को प्रयोग होता है उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते है। अन्य शब्दों में कहें तो जहाँ पुरूष वाचक सर्वनाम होते है। जैसे - यह, वह, ये, वो आदि
(क) मदन ने कहा कि ‘मै’ पढ़ना चाहता हूँ।
(ख) नेहा ने रिहा ने रिआ से पूछा कि ‘तुम’ क्या पढ़ रही हो।
(ग) ‘वह ’खाना बना रही थी।
पहले वाक्य में ‘मै ’ शब्द बोलने वाले के लिऐ दूसरे वाक्य में ‘तुम’ शब्द सुनने वाले के लिए तथा तीसरे वाक्य मंे वह शब्द उसके बारें में प्रयुक्त हुआ है जिसके बारे में बात की जा रही है। इस प्रकार पुरूषवाचक सर्वनाम की तीन भेद होते है।
(1) उत्तम पुरूष
(2) मध्यम पुरूष
(3) अन्य पुरूष
(1) उत्तम पुरूष : - जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला अपने लिए करता है, उसे उत्तम पुरूषवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे - मैं , मेरी, हम, हमारे, मुझको ,हमने, मैंने आदि
कारक एक वचन बहुवचन
कर्ता मैं,मैने हम,हमने,हम लोग
कर्म मुझे, मुझको हमे, हमको, हम लोगो से
करण मुझसे, मेरे द्वारा हमसे, हम लोगो से हमारे द्वारा
सम्प्रदान मेरे लिए, मुझको हमारे लिए, हमको
अपादान मुझसे हमसे, उन लागो से
संबंध मेरा, मेरी,मेरे हमारा, हमारी, हमारे
अधिकरण मुझसे, मुझ पर हमसे, हम पर
(2) मध्यम पूरूष : - जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला (वाक्या) या लिखने वाला सुनने वाला या पढ़ने वाले के लिए करता है। उन्हें मध्यम पूरूषवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे - तु, तुम , आप, तुम्हारा,तुझको, आपने आदि।
कारक एक वचन बहुवचन
कर्ता तू, तूने तुम, तुमने, तुम लोगो ने
कर्म तुझे, तुझको तुम्हें, तुम्हारे द्वारा, तुम लोगो से
सम्प्रदान तेरे लिए तुमसे, तुम लागों से
संबन्ध तेरा, तेरी, तेरे तुम्हारा, तुम्हारी, तुम लोगो का
अधिकरण तुझमें, तुझ पर तुममें, तुम पर, तुम लागो पर
(3) अन्य पुरूष : - जिन सर्वनामोें का प्रयोग वक्ता किसी अन्य के लिए करता है,उन्हें अन्य पुरूष वाचक सर्वनाम कहते है। जैसे -यह, व, वह, उसे, उसकी, उन्होंने, उसके ,उन्हें , उनका आदि।
कारक एक वचन बहुवचन
कर्ता वह, उसने, वे, उन्होने, वे लोग, उन लोगों ने
कर्म उसे, उसको वे, उन्होंने, वे लोग
करण उससे, उसके द्वारा उन्हें, उनको, उन लोगो का
संप्रदान उसके लिए, उसकी उनके लिए, उनको, उन लोगो के लिए
संबंध उसका, उसके, उसकी उनका, उनके, उनकी
अधिकरण उसमें, उस पर उनमें, उन पर, उन लोगो में
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम : - जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध करायंे उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे यह, वह, ये, वो, यही, वही, इसे, इसने, इसको, इनको आदि।
(क) यह पुस्तक मेरी है।
(ख) वह अशोक है।
(3) अनिश्चय वाचक सर्वनाम : - जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध न हो उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे- कोई, किसी, कुछ, क्यों, कौन आदि
(क) स्कूल में कुछ खा लेना।
(ख) बाहर कोई आया है।
(4) सम्बन्ध वाचक सर्वनाम : - जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संबंध प्रकट करने के लिए किया जाता है। उसे सम्बन्ध वाचक सर्वनाम कहते है। जैसे-
(क) जो सोता है वह खोता है।
(ख) जो करेगा वो भरेगा।
(ग) जिसकी लाठी उसकी भैंस।
यहाँ पर जो, सो, जिसका, उसकी शब्द परस्पर दो संम्बध को जोड रहे है अतः ये शब्द संबंधवाचक सर्वनाम है।
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम : - जिन सर्वनाम शब्दो से किसी व्यक्ति, प्राणि, वस्तु, क्रिया, व्यापार आदि के सम्बन्ध प्रश्न का बोध हो उन्हें प्रश्न वाचक सर्वनाम कहते है। जैसे- कौन, क्या, कब, क्यों , कैसे।
उदाहरण-
देखो बाहर कौन आया है।
क्या आपने खाना खा लिया ?
यहाँ आकर आप को कैसा लग रहा है।
आप कब आये।
(6) निजवाचक सर्वनाम :- (निजवाचक सर्वनाम) निज अर्थात् अपना। जो सर्वनाम स्वयं के लिए प्रयुक्त होते है, वे निजवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे- स्वयं , खुद, स्वयंमेव, अपने आप।
उदाहरण-
हम अपना कार्य स्वयं करेंगा।
मैं अपना कम्बल स्वयं ले जा रहा हूँं।
आज अपना कार्य स्वयं करे।
मैं खुद आ जाऊँगा
महत्वपूर्ण तथ्य : - आदर के अर्थ में एक व्यक्ति के लिए भी अन्य पुरूषवाचक सर्वनाम का बहुवचन में प्रयोग होता है। जैसे - राम के दादा आए थे।
(क) उतम पु. और मध्यम पु. सर्वनाम के बहुवचन रूप का प्रयोग एक व्यक्ति के लिए भी होता है।
हम आ रहे है (मैं आ रहा हूँ)
आम जा सकते है (तुम जा सकते हो)।
(ख) मुझ , तुझ, तुम, उस, यह, वह आदि सर्वनामों में निश्चयार्थ के लिए ‘(ई)’( ी) जोड़ देते है। जैसे - उस (उसी), तुझ(तुझी), वह(वही), यह (यही) आदि।
(ग) मैं, तुम, आप, वह, यह, कौन आदि सर्वनाम का निज भेद उनके क्रिया-रूपों से जाना जाता है। जैसे मैं जा रही हूँ, तुम पढ़ रहे हो।
(घ) सर्वनाम का प्रयोग एक वचन और बहुवचन दोनों में है। जैसे- हम, वह, वे, यह, इसका-इनका।
(ड़) संबध कारक के अतिरिक्त अन्य किसी कारक के का सर्वनाम शब्द का लिंग परिवर्तन नहीं होता।