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Hindi (Proverbs) लोकोक्तियाँ

लोकोक्तियाँ  : -  समाज मे प्रचलित व समाज द्वारा स्वीकृत की गई उक्ति या कथन कालान्तर मे लोकोक्तियाँ या कहावते बन गई। ये जन साधारण की अनुभव पूर्ण संक्षिप्त उक्तियाँ है। ये कथन पूर्ण वाक्य होते है वाक्य प्रयोग समय वाक्य के अंग नहीं बनते वरन् अलग - अलग रहते है व बिल्कुल अपरिवर्तित रहते है ये कथन भाषा साहित्य की अमूल्य निधि है। कुछ महत्वपूर्ण लोकोक्तियॉ इस प्रकार है।


लोकोक्ति                                                   अर्थ
अपनी -अपनी ढपली, अपना - अपना राग - सबके विचार , कार्यशैली व गुट अलग- अलग होना
अंधो मे काना राजा - गुणहीन लोगों मे थोड़े गुणो वाला व्यक्ति बहुत गुणवान माना जाता है
अपना हाथ जगन्नाथ - स्वयं किया कार्य सबसे अच्छा होता है
अंत भले तो सब भला - अंतिम सफलता, अधिक महत्वपूर्ण होती है
अंधेरी नगरी चौपट राजा - कुशासन और अजागरूक जनता।
अंधी पीखे कुत्ता खाय - काम कोई करे और फल कोई और प्राप्त करे।
अरहर की टट्टी गुजराती ताला - अनमोल वस्तुओ का साथ।
अक्ल बड़ी या भैंस - शारीरिक बल से बुद्धि श्रेष्ठ होती है।
अशर्फियाँ लुटे कोयलों पर मोहन - एक तरफ फिजूलखर्ची करना दूसरी ओर पैसे-पैसे पर रोक लगाना।
अपनी करनी पर उतरनी - मनुष्यों को अपने कर्मो के अनुसार ही फल मिलता है।
अंधा क्या चाहे दो आँखे - बिना किसी प्रयास के इच्छित वस्तु का मिल जाना
अंधा बाटे रेवड़ी फिर-फिर अपनों को ही दे - न्याय का ध्यान रखे बिना बार-बार अपनों को लाभ पहुँचाना
आँख का अंधा नाम नयनसुख - गुण के विरूद्ध नाम होना
आ बैल मुझे मार - स्वंय ही कोई मुसीबत खड़ी कर लेना
आप भला तो जग भला - भले के साथ सब अच्छा व्यवहार करते है।
आगे नाथ न पीछे पगहा - किसी तरह का बन्धन न होना
आठ कनौजिए नौ चुल्हे - सबका अलग-अलग मार्ग पर चलना
आप न जावे सासुरे, ओरन को सीख देत - खुद न करे लेकिन औरों को वैसा करने की सीख दे।
आस्तीन का साँप होना - निकट के व्यक्ति का विश्वासघाती होना
इधर कुआँ उधर खाई - दोनों ओर से संकट
ईश्वर की माया, कही धूप कहीं छाया - संसार मे व्याप्त भिन्नता
इमली के पात पर दंड पेलना - सीमित साधनों से बड़ा कार्य करने का प्रयास
उल्टे बॉस बरेली को - जहॉ जो चीज उपलब्ध हो, उल्टे वहीं पर वह वस्तु पहुॅचाना
उल्टा चोर कोतवाल को डॉटे - दोषी का निर्दोष पर दोषारोपण करना
ऊँट के मुँह मे जीरा - आवश्यकता की तुलना मे बहुत कम पूर्ति
ऊँची दुकान फीका पकवान - प्रदर्शन तो अधिक और सार की बात कम
एक हाथ से ताली नहीं बजती - केवल एकपक्षीय सक्रियता से कार्य पूरा नहीं होता
एक अनार सौ बीमार - वस्तु की पूर्ति की तुलना मे माँग अधिक
एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है - एक बदनाम व्यक्ति अपने लोगो को बदनाम करवा देता है।
एक पंथ दो काज - एक प्रयत्न से दो काम हो जाना
एक और एक ग्यारह होते है - संघ मेब बड़ी शक्ति है
एक तो करेला और दूसरा नीम चढा - एक साथ दो - दो दोष
एक बंदरिया बिन वृंदावन सूना नहीं होता - एक आदमी के कम हो जाने से काम नहीं रूकता 
कर ले सो काम भज ले सो राम - समय पर जो कर लिया जाए वही अपना है।
काला अक्षर भैंस बराबर - निरक्षर, अनपढ
काजी जी दुबले क्यों शहर का अंदेशा है -  दूसरो के कष्ट से चिंतित

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