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The President of India

The President of India

  •       भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा।
  •       भारत के राष्ट्रपति भारत गणराज्य के राज्यों के प्रमुख होते है।
  •       भारतीय राष्ट्रपति को भारत का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है।
  •       राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर -इन-चीफ होते है।
  •       वर्तमान में बिहार के पूर्व गवर्नर ‘रामनाथ कोविंद‘ भारत के 14 वें राष्ट्रपति है।
  •       ‘राजेन्द्र प्रसाद‘ भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। जिनका कार्यकाल सबसे लम्बा था।(लगभग 12 साल और 4 महीनें)
  •       भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति ‘प्रतिभा सिंह पाटिल‘ थी।
  •       जाकिर हुसैन ऐसे पहले राष्ट्रपति थे जिनकी कार्यकाल के दौरान उनके कार्यालय में ही मृत्यु हो गई थी।
  •       जाकिर हुसैन:- पहले मुस्लिम राष्ट्रपति भारत के
  •       राष्ट्रपति को 5,00,000 रूपये महिने का वेतन मिलता है।
  •       भारतीय राष्ट्रपति का मूल कर्त्तव्य संविधान और कानून की रक्षा करना है।
  •       भारतीय राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है।
  •       राष्ट्रपति अपना इस्तीफा उप-राष्ट्रपति को सौंपता है।
  •       नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति है जिनकों निर्विरोध चुना गया था।

 

भारतीय राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52-62)

अनुच्छेद -52 भारत का एक राष्ट्रपति होगा।

अनुच्छेद -53 संघ का विशिष्ट व्यक्ति। भारत के संविधान के अनुच्छेद -53 मे कहा गया है कि राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग सीधे या अधीनस्थ प्राधिकरण द्वारा कर सकते है कुछ अपवादों के साथ, राष्ट्रपति में निहित सभी कार्यकारी शक्तियाँ, प्रधानमंत्री द्वारा मंत्रीपरिषद की सहायता से प्रयोग की जाती है।

अनुच्छेद -54  राष्ट्रपति का चुनाव

अनुच्छेद - 55  manner of election of president

अनुच्छेद -56 वर्तमान के कार्यालय की अवधि

अनुच्छेद - 57  चुनाव के लिए पात्रता दुबारा

अनुच्छेद -58  राष्ट्रपति की योग्यतायें

अनुच्छेद -59  राष्ट्रपति के कार्यालय की शर्ते

अनुच्छेद -60  राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण

अनुच्छेद - 61 महाभियोग (Procedure for impeachment of the president)

अनुच्छेद -62  राष्ट्रपति कार्यालय के समाप्त होने की स्थिति में दुबारा राष्ट्रपति का चुनाव

 

योग्यता - भारतीय संविधान का अनुच्छेद-58 कुछ योग्यताएं निर्धारित करता है, जो राष्ट्रपति के कार्यालय के लिए पात्र होने के लिए पूरी होनी चाहिए -

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • कम से कम 35 साल की उम्र हो।
  • लोकसभा का सदस्य बनने के योग्य हो।
  • एक व्यक्ति राष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए योग्य नहीं होगा यदि -
  • यदि वह भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के लाभ का कोई कार्यालय या पद रखता है।
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हालांकि, कुछ कार्यालय - धारकों को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप मे चुनाव लड़ने की अनुमति है। जो निम्न है -

  • वर्तमान उपराष्ट्रपति
  • किसी राज्य का राज्यपाल
  • संघ या किसी राज्य का मंत्री (प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित)
  • अगर भारतीय राष्ट्रपति लोकसभा या राज्यसभा या फिर किसी अन्य पद पर है तो उसे वो पद, राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से पहले छोड़ना पड़ेगा।

चुनाव :-  भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य होते है।

29 राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली और पुंडुचेरी के केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते है 2017 तक, निर्वाचक मंडल मे 777 सांसद और 4120 विधायक शामिल है।

राज्यसभा सांसद:- सदस्यता 250 सदस्यों तक सीमित है, और वर्तमान राज्यसभा में 245 सदस्य है। 1233 सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते है और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा कला, साहित्य विज्ञान और सामाजिक सेवाओं मे उनके योगदान के लिए चुने जाते है।

लोकसभा सांसद (सदस्य):- भारत के संविधान द्वारा आंवटित सदन की अधिकतम सदस्य संख्या 552 है। वर्तमान मे सदन मे 545 सीटे है जो 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनी है और अधिकतम 2 सदस्य राष्ट्रपति के द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनित किये जाते है।

 कार्यकाल:-

  • भारतीय राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है।
  • उनके कार्यकाल की समाप्ति पर।
  • मृत्यु के कारण।
  • इस्तीफे के कारण।
  • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हटाये जाने पर।
  • महाभियोग द्वारा हटाये जाने पर।

शपथ:- 

राष्ट्रपति को शपथ भारत के सर्वाच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की उपस्थिति मे दिलवायी जाती है। या फिर मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिलवायी जाती है।

  या उनकी अनुपस्थिति मे सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश द्वारा दिलवायी जाती है।

महाभियोग

एक ऐसी प्रक्रिया जिसके माध्यम से भारत की संसद द्वारा भारत के संविधान का उल्लंघन करने के लिए महाभियोग के माध्यम से राष्ट्रपति का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले हटाया जा सकता है।
  • यह प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों मे किसी एक मे शुरू हो सकती है।
  • आरोप एक नोटिस मे सम्मिलित होते है, जिस पर सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किये जाते है।
  • राष्ट्रपति को नोटिस भेजा जाता है, और 14 दिनों के बाद, इसे विचार के लिए लिया जाता है।
  • राष्ट्रपति के महाभियोग के प्रस्ताव को उससे संबंधित सदन मे कुल सदस्यों की 2/3 बहुमत से पारित किया जाता है।
  • फिर इस प्रस्ताव को दूसरे सदन मे भेज दिया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के दौरान, राष्ट्रपति को अधिकृत वकील के माध्यम से स्वयं का बचाव करने का अधिकार है।
  • यदि दूसरा सदन भी विशेष बहुमत से लगाये गए आरोपों को मंजूरी दे देता है, तो महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाता है। जिसके पारित होने की तिथि से राष्ट्रपति अपना कार्यालय खाली कर देता है।

 राष्ट्रपति की शक्तियाँ

  •  वह प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करता है।
  •  कोई भी विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना एक अधिनियम नहीं बन सकता है।
  •  राष्ट्रपति संयुक्त बैठक के लिए सदन को तलब कर सकता है।
  •  राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधिशों की नियुक्ति करता है।
  •  राष्ट्रपति राजदूत और अन्य राजनयिक अधिकारियों की भी नियुक्ति करता है।
  •  वह भारतीय रक्षा बलों के सर्वोच्च कमांडर है।
  •  राष्ट्रपति संसद को संबोधित और भंग भी कर सकता है।
  •  राष्ट्रपति क्षमा, दमन और दोषियों को दंड दे सकता है।
  •  मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति।

 

राष्ट्रपति तीन प्रकार की आपात स्थितियों की घोषणा कर सकते है

  1. राष्ट्रीय आपात स्थिति:- युद्ध कि स्थिति में
  2. राज्य आपात स्थिति:- राज्य मे शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार ना चले तो।
  3. वित्तिय आपात स्थिति:-  राष्ट्रपति एक वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते है जब राष्ट्र की वित्तीय स्थिरता या क्रेडिट या उसके क्षेत्र के किसी भी हिस्से को धमकी दी जाती है।