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कंप्यूटर शब्दावली (Computer Glossary)

  • सॉफ्टवेयर पैकेज (Software Package) -  इस श्रेणी मे वे प्रोग्राम आते है जो विस्तृत रूप से कई संस्थाओं मे प्रयुक्त होते है। वर्तमान मे अनेक प्रोग्राम पैकेज कई प्रकार के उपयोगो के लिए उपलब्ध है। शब्द संसाधन, डेटा बेस प्रबन्धन, बहीखातों के पैकेज, भण्डारण नियन्त्रण, डिजाइन, आलेखन, आदि कार्यो के लिए अनेक पैकेज उपलब्ध है ।
  • परिचालन पद्धति (Operating System) - ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न प्रभागों को निश्चित समय पर कार्यरत होने, आदेश देने और उनमे परस्पर तालमेल बनाए रखने का कार्य करता है। 
  • कम्पाइलर (Compiler) - इसका कार्य उच्च स्तरीय भाषाओं को मशीन की भाषा मे परिवर्तित करता है। 
  •  डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (Disk Operating System) - यह पूर्व लिखित प्रोग्राम, आंकड़ा प्रोग्राम तथा सम्बद्ध सूचना को डिस्क सें मुख्य मेमोरी मे ले जाने और वापस लाने का कार्य करता है। 
  • टेक्स्ट एडीटर (Text Editor) - इसका कार्य है डिस्क अथवा टेप पर पहले से लिखी टेक्स्ट आधारित सूचनाओं को परिवर्तित करना, उनमें सुधार करना तथा नवीन सूचनाओं को जोड़ना, पूर्व लिखित सूचना को र्पूणतया हटा देना, आदि।
  • एप्लीकेषन (Aplication) :- कम्प्यूटर द्वारा किए जाने वाले या किए जा सकने वाले कार्य ।
  • एसेम्बली (Assembley) :- किसी प्रोग्राम का मशीन कोड मे परिवर्तन ।
  • बैंक स्पेस (Back space) :- संसूचक को पीछे की ओर ले जाने वाले कम्प्यूटर ‘की - बोर्ड‘ की एक ‘की‘ ।
  • बाइलिंगुअल सॉफ्टवेयर ((Bilingual software) - हिन्दी और अंग्रजी दोनों भाषाओं मे कार्य करने वाला सॉफ्टवेयर। कुछ द्विभाषी सॉफ्टवेयर इस प्रकार है। 1 अक्षर, 2 देवबेस, 3 शदरत्न, 4 सुलेख, 5 शब्दमाला, 6 आलेख, मल्टी वर्ड, 8 एम एल वर्क्स, 9 बाय स्क्रिप्ट, 10 संगम।
  • सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Bilingual software) :- इसके भाग इस प्रकार होते है 
  • 1 मेमोरी यूनिट 2 गणितीय प्रक्रिया यूनिट जिसे ए एल यू (Arithmetic and Logical Unit) कहते है और 3 नियन्त्रण यूनिट जो अंको के सही अन्तरण और प्रवाह पर नियन्त्रण रखता है और उसकी शुद्धता की जॉच करता है।    
  • कम्प्यूटर प्रोग्राम (Computer Programme) :- कम्प्यूटर को दिए जाने वाले आदेशों के सेट को कम्प्यूटर प्रोग्राम कहते है।
  • कण्ट्रोल (Ctrl Control) :- कम्प्यूटर ‘की - बोर्ड‘ की एक ‘की‘ है जिसे दबाए रखते हुए अन्य ‘की‘ दबाकर विशिष्ट कार्य के लिए कमाण्ड दिया जाता है।
  • कर्सर (Cursor) :- स्क्रीन पर आदेशनुसार विचरण करने वाला संकेत जो टाइप होने वाले अक्षर का स्थान दर्शाता है। 
  • डाटा बेस (Data base):- वह डाटा जो कम्प्यूटर मे संचित हो और जिसे विभिन्न प्रयोवक्ता प्रयोग मे ला सकें।
  • डीबेस (Dbase) :- बड़े पैमाने पर डाटा संग्रहण और प्रसंसकरण की सुविधा सें युक्त प्रोग्राम।
  • डिस्क (Disk) :- प्लास्टिक या एल्युमिनियम की बनी सपाट गोल प्लेट जिस पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी होती है। इस प्लेट पर चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण कर सूचना संचित की जाती है। 
  • फ्लॉपी डिस्क (Floppy disk) :- लचीले प्लास्टिक की बनी हुई चुम्बकीय क्षमता युक्त प्लेट जो विशिष्ट लिफाफे मे रखी जाती है। 
  • फॉन्ट (Font) :- विभिन्न आकार और आकृतियों के अक्षरों का सेट। 
  • हार्ड कॉपी (Hard copy) - कम्प्यूटर यन्त्र जिसमें उसके विभिन्न अंग/ भाग भी शामिल होते है। 
  • इनपुट डिवाइस (Input device) :- सूचना प्रिविष्टि माध्यम (जैसे की -बोर्ड)
  • डिस्क ड्राइव (Disk drive) :- कम्प्यूटर मे लगा एक ऐसा उपकरण है जो चुम्बकीय डिस्क को घुमाता है और हेड की स्थिति को नियन्त्रित करता है। 
  • फीड (Feed) :- कम्प्यूटर मे सूचना दर्ज करना।
  • फाइल (File):- कम्प्यूटर मे डाली गई सूचना का अभिलेख जो किसी संख्या या अक्षर टाइप करके खोली जाती है। 
  • ऑनलाइन(Online) :- ऑनलाइन इन्टरनेट सम्पर्क तब कहा जाता है, जब व्यक्ति इन्टरनेट मे रहते हुए ही उसमें मिल रही जानकारी का अध्ययन करता है।  
  • सर्फिग (Surfing) :- इन्टरनेट के संजाल मे सूचनाओं को खोजना अथवा विभिन्न साइटों पर भ्रमण करना सर्फिग कहलाता है। 
  • हाइपरलिंक (Hyperlink) :- वेबपेज का यह विशेष शब्द या चित्र जिस पर माउस का बटन दबाने सें व्यक्ति एक इन्टरनेट के एक साइट सें दूसरे साइट पर पहुॅच सके।
  • यू मैटिक (U Metic) :- यह विडियों कार्यक्रम की रिकार्डिग तथा उनके व्यावसायिक प्रसारण की प्रणाली है। 
  • नेवीगेटर कम्प्यूटर (Nevigator Computer) :- डैन सिवियासेरेक नामक वैज्ञानिक ने एक एसमेे कम्प्यूटर का विकास किया है जिसे पहना जा सकता है तथा जो रास्ता भूलने पर उचित मार्ग बतलाएगा। नेवीगेटर नाम के इस कम्प्यूटर से रास्ता जानने के लिए एक बटन दबाना होता है। तथा उपलब्ध माइक के आगे गन्तव्य स्थान का नाम लेना होता है। उसके पश्चात ऑखों के आगे लगे मॉनिटर पर लगे वांछित स्थान का नक्शा आ जाता है। 
  • स्वैपर :- नई सूचना के लिए जगह खाली करने के लिए किस पूर्व लिखित सूचना को वापस लौटाया जाए यह निर्धारित करने की जिम्मेदारी स्वैपर के ऊपर रहती है। 
  • डाटा संसाधन (Data Processing) :- ज्ञानार्जन के लिए सूचनाओं को एकत्रित करना एवं उन्हें डेटा के रूप मे कम्प्यूटर मे निवेशिष्ट करना ही डेटा प्रोसेसिंग है। कम्प्यूटर इन्हे संयोजित या आकलित कर अपने निष्कर्ष उस रूप मे बहिर्गमित करता है, जिस रूप मे हम उनका आसानी सें प्रयोग कर सकें।
  • डेटा (Data) :- व्यवसाय , आदि की प्रक्रिया मे प्रयुक्त होने वाली वास्तविक सूचनाएॅ ही डेटा कहलताती है। ये सूचनाएॅ नाम, अंक, समय, तारीख, मूल्य, वजन, उत्पादित वस्तुओं का नाम, आदि के रूप मे हो सकती है। 
  • निकास (Output) :- जानकारी को निर्गमन एकक के द्वारा कम्प्यूटर सें बाहर उस रूप मे निकाल लिया जाता है जिससे वह उपयोगकर्ता को आसानी से समझ मे आ सके।
  • माइक्रोप्रोसेसर (Microprocesor) :- इसे कम्प्यूटर का मस्तिष्क भी कहते है। कम्प्यूटर की सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के सारे काम सॅभालने वाला सिलिकॉन चिप्स है। 
  • चिप्स (Chips) :- यह सिलिकॉन की बनी होती है। इस पर लाखों इलेक्ट्रॉनिक घटक उकेरे जा सकते है। 
  • एकीकृत परिपथ (Integrated Circuit) :- एक चिप पर बना एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक परिपथ है जो बहुत सें पुर्जो का कार्य एक साथ कर सकता है। 
  • रिमोट सेंसिंग (Remote Sensing) :- बिना प्रत्यक्ष सम्पर्क के दूर सें ही इस प्रणाली द्वारा फसलों की अवस्थिति, महासागरीय, धरातलों इत्यादि के विषय मे सूचना प्राप्त होती है। इसके लिए सूक्ष्म तरंगों का प्रयोग किया जाता है। 
  • सिग्नेचर - 2000 (Signature-2000) :- यह ‘सिग्नेचर - 2000‘ एक नए प्रकार का कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर है जिसे ‘बिरला हौराइजर इंटरनेशनल‘ द्वारा बाजार मे लाया गया। यह सॉफ्टेवयर Y2K समस्या को हल करने के लिए बनाया गया था।
  • आलेखन पीठिका (Graphic Table) :- आलेखन पीठिका द्वारा ग्राफिक या अनुरूप दत्तों को अंकरूपी दत्तों मे परिवर्तित किया जाता है और उसे स्मृति मे सुरक्षित रखा जाता है। यह पीठिका 30 वर्ग सेमी आकार की होती है। 
  • डिस्केट (Diskette) :- अधिक मात्रा मे विवरण संचय के लिये उपलब्ध फ्लॉपी डिस्क माइक्रो कम्प्यूटर तथा मिनी कम्प्यूटरों मे ये डिस्क प्रयोग होती है।  
  • होम कम्प्यूटर (Home Computer) :- घरेलु उपयोग की दृष्टि सें निर्मित कम्प्यूटर।इन्हे टेलीविजन से जोड़कर उपयोग कर सकते है। इन्हे वातानुकूलन की आवश्यकता नहीं होती । इनके उपयोगों मे मनोरंजन , खेल, घरेलु, उपकरण आदि का नियन्त्रण, विधाभ्यास, खरीद का लेखा - जोखा आदि आते है। 
  • सूचना (Instruction) :- कम्प्यूटर के कार्य निर्देश के लिये बनाया गया अक्षर अंक आदि का समूह।
  • जम्प (Jump) :- प्रोग्राम का क्रियान्वयन निर्दिष्ट क्रम सें हटकर होना।
  • नेटवर्क (Network) :- इस प्रणाली मे आपस मे जुड़े कई कम्प्यूटर तथा टर्मिनल जानकारी का आदान - प्रदान कर सकते है। 
  • ऑन लाइन (On-Line) :- ब्राहृा यंत्रों का कम्प्यूटर के साथ सीधा जुड़ा होना सूचित करता है। 
  • ऑपरेटिंग या परिचालक पद्धति (Operating System) :- एक अव्यवस्थित मृदु सामग्री जो कम्प्यूटर के सभी कार्यो को नियन्त्रित करती है। 
  • निर्गत विवरण (Output) :- कम्प्यूटर द्वारा सृजित ज्ञानपूर्ण जानकारी।
  • बाहृा यन्त्र (Peripherals) :- कम्प्यूटर मे विवरण दर्ज करने या कम्प्यूटर सें विवरण प्राप्त करने या विवरण संचित करने का यंत्र।
  • अंकक (Plotter) :- स्वचालित कलम के द्वारा रेखाचित्र आदि बनाने वाला बाहृा यन्त्र। 
  • प्रोग्राम (Programme) :- व्यवस्थित तथा संहितबद्धित निद्रेश जो समस्या के समाधान हेतु कम्प्यूटर को दिये जाते है। 
  • रन (Run) :- दत्त सामग्री का उपयोग करते तुए प्रोग्राम के सारे आदेशों का केवल एक बार क्रियान्वयन।
  • मृदु सामग्री (Software) :- कम्प्यूटर के संचालन मे प्रयुक्त प्रोग्राम नियम तथा कम्प्यूटर क्रियाओं सें सम्बन्धित अन्य लिखित (या चिप मे दर्ज) सामग्री।
  • टर्मिनल (Terminal) :- बाहृा तन्त्र जिसके द्वारा हम कम्प्यूटर मे विवरण दर्ज कर सकते है या कम्प्यूटर सें विवरण प्राप्त कर सकते है।